सम्मान

सम्मान

जहाँ सम्मान न हो वो प्रेम व्यर्थ है,
जहाँ संवाद न हो वह संबंध व्यर्थ है,
और जहाँ विश्वास न हो,
वहाँ आगे बढ़ना व्यर्थ है |

गुरु

गुरु

गुरु ने जो सिखाया है ,
कभी ना व्यर्थ जाएगा ,
गुरु वाणी जिसने ना मानी,
वो सदा दुख पाएगा |